रायपुर । नक्सल हिंसा में शहीद जवानों के परिवारवालों को भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर गोद लेंगे। छत्तीसगढ़ के आईएएस अफसर अपने सब डिविजनल मजिस्ट्रेट, एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट तथा डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के रूप में पहली नियुक्ति के स्थान से ही एक शहीद के परिवार का चयन करेंगे। उनको केंद्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाएंगे।
छत्तीसगढ़ में पदस्थ कलेक्टरों कहा कि अब तक व्यक्तिगत स्तर पर पहल होती थी, लेकिन एसोसिएशन के स्तर पर पहल से बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। अफसरों ने कहा कि जिलों में पदस्थ आईएएस स्थानीय मशीनरी के प्रभावी उपयोग से शहीद सैनिकों के परिवारवालों के समर्थन तथा सहायता के लिए सकारात्मक चैनल शुरू करेंगे। एक अफसर एक शहीद सैनिक के परिवार को अपनाए। यह परिवार मुख्यत: उस राज्य से होगा, जिससे प्रशासनिक अधिकारी खुद संबंधित है।
अधिकारियों ने बताया कि यह निगरानी रखी जाएगी कि शहीद सैनिक के आश्रितों को संबंधित संगठनों द्वारा सभी भुगतान हो गया या नहीं। अगर कहीं देर हो रही है तो उसकी पैरवी की जाएगी। शहीद सैनिक के बच्चों की देखभाल करने के साथ उन्हें उनकी पसंद व क्षमता के आधार पर कॅरियर में आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ दिलाकर परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाएगा।
सबसे खास बात यह है कि शहीदों के परिवारवालों से लगातार संपर्क में रहेंगे । गंभीर रूप से बीमार का इलाज भी कराने का जिम्मा रहेगा। परिवार के सदस्य को व्यापारिक गतिविधि के लिए वित्तीय संस्थाओं से मिलकर लाभ दिलाने की कोशिश करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि यह पूरी कोशिश इसलिए है कि शहीद जवानों के परिवारवालों को यह अहसास रहे कि मुसीबत के समय देश उनके साथ खड़ा है।