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धर्म

सावन के माह में घर मे देव स्थान पर रखे पारद के शिवलिंग और पूजा कर और भगवन की कृपा पाए

क्या है इसका महत्व और कैसे कर इसकी पूजा आर्चना और पारद शिवलिंग के लिए किसी प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं है ..

शिव भक्तो सावन के महीने को लेकर बढ़ा ही उत्साह होता है सावन के महीने मे अगर भगवान शंकर को प्रसन्न करना चाहते होतो एनी धातु की जगह पारद के शिवलिंग की पूजा और स्थापना अधिक सिध्दिदायक होता है | ज्योतिषाचार्य की मान्यता है की सावन के महीने मे इस शिवलिंग की पूजा करने से भगवान सभी मनोकामना पूर्ण करते है

पारद धातु
पारद सामान्य तापमान पर भी द्रव्य रूप में रहने वाला धातु है। शिवलिंग बनाने के लिए इसे ठोस रूप में लाना पड़ता है और इसके लिए इसमें सोना, तांबा और कांसा समेत कई तरह की जड़ी बूटियों मिलाई जाती हैं। धातुओं में पारद को शिव तथा ताम्र को मां पार्वती का रूप माना जाता है।

पारद शिवलिंग
पारद शिवलिंग साक्षात् स्वयंभू शिव का रूप और ब्रह्माण्ड की रचना करने वाले भगवान शिव के वीर्य का प्रतीक माना जाता है। इसमें शिव की समस्त शक्तियों का वास माना जाता है। रुद्र संहिता, पारद संहिता, रस्मर्तण्ड पुराण, ब्रह्मवैवर्त्य पुराण, ब्रह्म पुराण, शिव पुराण, उपनिषद में इस शिवलिंग और इसके महत्व का वर्णन मिलता है।

100 अश्वमेघ यज्ञ का लाभ
पौराणिक ग्रंथ ‘रस रत्न समुच्चय’ के अनुसार पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से 100 अश्वमेघ यज्ञ, चारों धाम की यात्रा तथा स्नान, कई किलो स्वर्ण तथा एक लाख गायों के दान के बराबर पुण्य मिलता है। इससे व्यक्ति के सभी जन्मों के पाप मिट जाते हैं और इस प्रकार उसे अकारण मिलने वाले सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

घर में पारद शिवलिंग रखना
घर में पारद शिवलिंग रखना पूरे परिवार को सभी प्रकार के दोषों से मुक्त करता है, लेकिन इसके लिए इस शिवलिंग के साथ ही समस्त शिव परिवार की प्रतिमा रखना और उसका पूजन करना भी आवश्यक है। मन्यता है कि देवताओं ने यह शिवलिंग हनुमान जी को उपहार में दिया था।
घर में पारद शिवलिंग के होने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। रावण एक उच्च कोटि का ज्योतिषी माना जाता है। रूद्र संहिता में वर्णित कथा के अनुसार उसने ‘रसराज पारे’ से निर्मित शिवलिंग का पूजन कर ही अपनी लंका को सोने में परिवर्तित किया था।

पारद शिवलिंग का निर्माण
इसके समस्त लाभ के लिए पारद शिवलिंग का निर्माण केवल ‘विजयकाल’ मुहूर्त में ही किया जाता है। घर में पारद शिवलिंग का होना धन-धान्य में वृद्धि करता है तथा परिवार के सभी सदस्यों को सभी प्रकार के दुर्गुणों से बचाकार रखना है। घर पर अगर पारद शिवलिंग लाएं तो शुभ मुहूर्त देखकर इसकी प्राण-प्रतिष्ठा कराकर ही रखें।

पारद शिवलिंग की पूजा
शास्त्रों के अनुसार नियमित रूप से पारद शिवलिंग की पूजा करने के कई लाभ हैं। साथ ही इसके कुछ उपायों के द्वारा भी जीवन की कई परेशानियां दूर की जा सकती हैं। आगे जानिए क्या हैं वे:

पारद शिवलिंग के उपाय
अध्यात्म की ओर जिनका आकर्षण हो उन्हें पारद शिवलिंग की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इससे उनकी इंद्रीय और उनका मन एकाग्रचित रहता है। इसके अलावा पुराणों में वर्णित पारद शिवलिंग की महिमा के अनुसार नियमित रूप से इस शिवलिंग की पूजा करनेवाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

पारद शिवलिंग के उपाय
इस शिवलिंग की नियमित पूजा करने से जीवन की समस्त परेशानियां खत्म होती हैं। चाहे वह शत्रु बाधा हो, कोई आपको बार-बार परेशान कर रहा हो या आपके रास्ते में रुकावटें पैदा कर रहा हो, पारिवारिक परेशानियां, कलह, मानसिक तनाव या अन्य कोई बाधा हो, तो अपने आप ही ठीक हो जाती हैं।

पारद शिवलिंग के उपाय
घर में अशांति, क्लेश रहता हो, नींद ना आने की समस्या हो, तो पानी से भरी कटोरी में पारद शिवलिंग रखकर इसे घर के मध्य भाग में रखें। प्रतिदिन इस जल को बदलें और पुराने जल को किसी गमले के पौधे में डाल दें। इससे धीरे-धीरे परिवार के सदस्यों में वैचारिक मतभेद खत्म होने लगते हैं।

पारद शिवलिंग के उपाय
अपने गुणों के कारण इस शिवलिंग को ‘फिलॉसफर स्टोन’ भी कहा जाता है। आयुर्वेद में इसके प्रयोग से कई रोगों उपचार की चर्चा भी की गई है। उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, अस्थमा, जैसी बीमारी भी दूर होती है |

 

 

21 July, 2019

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