Hindi News Portal
छत्तीसगढ़

बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ उन्हीं के अंदाज में ग्रामीणों ने छेड़ा अभियान, सड़क पर फेंके पर्चे

बीजापुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में क्षेत्र में करीब पांच दशक से बंदूक की नोक पर आतंक मचा रहे नक्सली पर्चे फेंकर लोगों में दहशत फैलाते रहे हैं। अब यहां के आदिवासियों ने उन्ही के अंदाज में नक्सलियों को जवाब देना शुरू किया है। नक्सलियों के खिलाफ जनजागरण, सलवा जुडूम और अग्नि जैसे संगठन के बाद अब लोगों का विद्रोह आदिवासी विकास समिति के नाम एक संगठन के रूप में खुलकर सामने आया है। यह संगठन लोगों से नक्सलियों के खिलाफ एकजुट होने की अपील भी कर रहा है।

नक्सिलियों के विरोध में लगाए पोस्ट र

यहां करीब ढाई दशक से बंदूक की नोक पर आतंक मचा रहे नक्सलियों के खिलाफ अब आदिवासी संगठन एकजुट होने लगा है। आदिवासियों को दबाव में लेकर बस्तर में अपनी सत्ता चलाने वाले नक्सलियों के खिलाफ यहां के एक संगठन ने मोर्चा खोला है। आदिवासी विकास समिति ने नक्सलियों के खिलाफ पोस्टर वार शुरू किया। नक्सलियों के विरोध में यहां पोस्टर लगाए जा रहे हैं और आदिवासी ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है कि वे उनके दबाव और झांसे में ना आएं। मंगलवार की सुबह मद्देड इलाके में आदिवासी विकास समिति द्वारा नक्सलियों के खिलाफ फेंके गए सैकड़ों पर्चे सड़क पर मिले। कुछ जगहों पर पोस्टर भी चिपके मिले हैं, जिनमें नक्सलवाद को खोखली विचारधारा बताया गया है।

बस्तर में नृशंस हत्याओं और विस्फो टक विध्वंस के चलते यहां के समाज में नक्सलियों की नकारात्मक छवि और भी मजबूत हुई है। पहले ग्रामीण इनके दबाव और भय में आकर सहयोग करते थे, लेकिन वे भी अब भय को दरकिनार कर इनका विरोध कर रहे हैं। संगठन द्वारा फेंके गए पर्चो में बासागुड़ा क्षेत्र के तीमापुर और दंतेवाड़ा क्षेत्र के टीकनपाल में मासूमों की निर्मम हत्या का भी जिक्र किया गया है और इसके लिए नक्सल संगठन को जिम्मेदार ठहराया गया है। इस क्षेत्र में नक्सली बच्चों की शिक्षा के भी खिलाफ हैं और स्कूल भवनों को विस्फोट कर उड़ाते रहते हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों को डराया-धमकाया जाता है और उन्हें स्कूल जाने से रोका जाता है।

हमारे सहयोगी समाचार पत्र नई दुनिया के संवाददाता के अनुसार, आदिवासी विकास समिति के प्रवक्ता ने राज्य के उद्योग मंत्री कवासी लखमा पर नक्सलियों के साथ नरम रुख अपनाने का आरोप भी इस पर्चे में लगाया है। संगठन के प्रवक्त ने अपने पत्र में यह सवाल किया है कि अगर वे नक्सलियों के साथ नहीं हैं तो क्यों उनकी निंदा नहीं करते। हल्बी में लिखित पर्चों में नक्सलियों को समाज का दुश्मन बताया गया और ग्रामीणों से अपील की गई है कि दुश्मन हमारे बीच में हैं, उन्हें पहचानने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर फेंके गए पर्चों को पुलिस ने बरामद कर मामले की तहकीकात शुरू कर दी है। जिले के पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ लिखे गए पर्चे बड़ी मात्रा में राजमार्ग पर मिले हैं। इनकी जांच की जा रही है।

 

 

 

 


सौजन्य : जागरण

 

 

26 November, 2019

अमित शाह ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर हमला बोला भगवान के नाम पर घोटाला किया,
कोयला घोटाला, अन्न घोटाला, रेत घोटाला समेत तमाम घोटाला करते है ।
पूर्व CM भूपेश बघेल की चुनाव से पहले मुश्किलें बढ़ी, महादेव ऐप मामले में FIR दर्ज
ईडी के अनुसार, अनुमानित आय करीब 6,000 करोड़ रुपये है
जांजगीर में विजय संकल्प रैली मै शाह ने कहा भाजपा का वादा पत्थर की लकीर
वर्ष 2014 में छत्तीसगढ़ में 11 में से 10 सीटें भाजपा को दी थीं।
(रायपुर) बस्तर से सरगुजा तक हर घर जल का लक्ष्य हो रहा पूरा
हर घर नल से जल के लिए छत्तीसगढ़ के बजट में 4 हजार 5 सौ करोड़ रूपए का प्रावधान
बघेल ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर की महादेव ऐप पर प्रतिबंध लगाने की मांग की
''इसे रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए,