मेरठ: कोरोना वायरस (Coronavirus) की खबरों के बीच एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे सुनने के बाद आप भी सोच में पड़ जाएंगे कि इसे लापरवाही कहा जाए, भूखे बेजुबानों की बेबसी या फिर कुछ और. उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज में बंदरों की टुकड़ी ने एक चिकित्सा अधिकारी धावा बोला और COVID-19 पॉजिटिव मरीजों के ब्लड सैंपल लेकर फरार हो गए. यह हमला उस समय हुआ जब संबंधित अधिकारी कॉलेज परिसर में टहल रहा था. कॉलेज के डॉ. एस.के गर्ग ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि बंदर चार ऐसे कोरोना पीड़ित मरीजों के ब्लड सैंपल लेकर भाग गए, जिनका इलाज चल रहा है. हमें उन मरीजों के सैंपल फिर से लेने पड़े.
बंदरों ने ब्लड सैंपल के साथ क्या किया यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है. हालांकि, मेडिकल कॉलेज के आसपास रहने वालों में इस घटना के बाद से खौफ व्याप्त है. उन्हें डर है कि अगर बंदरों ने ब्लड सैंपल यहां-वहां फेंक दिए तो संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. अधिकारी भी मानते हैं कि यदि बंदर सैंपल आवासीय क्षेत्रों में ले गए तो वायरस के फैलने की आशंका बढ़ जाएगी. डॉक्टर गर्ग ने कहा कि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि संक्रमित रक्त के संपर्क में आने से बंदर भी संक्रमित हो सकते हैं या नहीं. ऐसा कोई सबूत भी नहीं मिला है जो यह इशारा करे कि बंदर कोरोना संक्रमित हो सकते हैं.
देश के कई शहरों में बंदरों की समस्या काफी ज्यादा है. उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में बंदरों के उत्पात की खबरें आम हैं. मौजूदा समय में बंदरों के लिए भी खाने की कमी हो गई है. यह भी उनके आक्रामक होने की एक वजह है. वहीं, पर्यावरणविदों का कहना है कि प्राकृतिक आवास खत्म होने से जानवर भोजन की तलाश में शहरी क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं.
गौरतलब है कि अब तक यही माना जाता है कि कोरोना वायरस वुहान के मांस बाजार से दुनिया में फैला. भारत में कोरोना के अब तक 165,799 मामले सामने आ चुके हैं और 4,706 लोगों की मौत हुई है.
सौजन्य : ज़ी न्युज