नई दिल्ली. शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के किसानों को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान पूरे देश के किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि पहले जैसे MSP दी जाती थी, वैसे ही दी जाती रहेगी, MSP न बंद होगी, न समाप्त होगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर हमें MSP हटानी ही होती तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू ही क्यों करते? दूसरा ये कि हमारी सरकार MSP को लेकर इतनी गंभीर है कि हर बार, बुवाई से पहले MSP की घोषणा करती है। इससे किसान को भी आसानी होती है, उन्हें भी पहले पता चल जाता है कि इस फसल पर इतनी MSP मिलने वाली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. नए कृषि कानून को लेकर जारी विपक्ष के विरोध पर पीएम मोदी ने निशाना साधा और उनके पुराने वादों को याद दिलाया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि जो काम 25 साल पहले होने थे, वो आज करने पड़ रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि जो अपने घोषणापत्र में इन सुधारों की वकालत करते थे, लेकिन कभी लागू नहीं किया. पीएम मोदी ने कहा कि अगर पार्टियों के पुराने घोषणापत्र, कृषि क्षेत्र संभालने वाले लोगों की चिट्ठी देखी जाए तो वहीं बातें नए कृषि सुधारों में की गई हैं. आज विरोधियों को इस बात की तकलीफ है कि मोदी ने ऐसा कैसे कर दिया.
पीएम ने कहा कि किसानों की बातें करने वाले लोग कितने निर्दयी हैं इसका बहुत बड़ा सबूत है स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट। रिपोर्ट आई, लेकिन ये लोग स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को आठ साल तक दबाकर बैठे रहे। किसान आंदोलन करते थे, प्रदर्शन करते थे लेकिन इन लोगों के पेट का पानी नहीं हिला। इन लोगों ने ये सुनिश्चित किया कि इनकी सरकार को किसान पर ज्यादा खर्च न करना पड़े। इनके लिए किसान देश की शान नहीं, इन्होंने अपनी राजनीति बढ़ाने के लिए किसान का इस्तेमाल किया है। जबकि किसानों के लिए समर्पित हमारी सरकार किसानों को अन्नदाता मानती है। हमने फाइलों के ढेर में फेंक दी गई स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट बाहर निकाला और उसकी सिफारिशें लागू कीं, किसानों को लागत का डेढ़ गुना MSP दिया।
कर्ज माफी को लेकर पीएम ने विपक्ष पर वार किया, पीएम मोदी बोले कि हमने किसानों को डेढ़ गुना MSP दिया. कांग्रेस द्वारा की गई कर्जमाफी सबसे बड़ा धोखा है, MP में भी चुनाव के वक्त 10 दिन में कर्ज माफ करने की बात कही, लेकिन नहीं किया. राजस्थान में भी ऐसा ही हुआ. पीएम मोदी ने कहा कि कर्जमाफी की बात करते हैं, लेकिन छोटे किसानों के बारे में नहीं सोचते हैं.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'किसानों की बातें करने वाले लोग कितने निर्दयी हैं इसका बहुत बड़ा सबूत है स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट. ये लोग स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को 8 साल तक दबाकर बैठे रहे. किसान आंदोलन करते थे, प्रदर्शन करते थे लेकिन इन लोगों के पेट का पानी नहीं हिला. जबकि किसानों के लिए समर्पित हमारी सरकार किसानों को अन्नदाता मानती है. हमने फाइलों के ढेर में फेंक दी गई स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट बाहर निकाला और उसकी सिफारिशें लागू की, किसानों को लागत का डेढ़ गुना MSP दिया.'
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