नई दिल्ली : पूर्वोत्तर क्षैत्र देश का एक बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है और जब तक इस क्षेत्र को हर प्रकार से शेष भारत से नहीं जोड़ा जाता तब तक एकता की भावना नहीं आ सकती यह बात गृहमंत्री अमित शाह ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारतीय वाणिज्य संघ के वार्षिक सत्र और वार्षिक आम सभा को सम्बोधित करते हुऐ कही जिसका शीर्षक था India@75 - पूर्वोत्तर भारत का सशक्तिकरण।
उन्होंने आगे कहा कि यदि पूर्वोत्तर में शांति और स्मृद्धि नहीं है तो उसके विकास की तुलना, शेष भारत से करना सम्भव नहीं है। वे इसका गृहमंत्री ने कहा कि 2014 में नरेन्द्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद पूर्वोत्तर के विकास को चरणबद्ध रूप से आगे बढ़ाया गया है।
उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र जैव-विविधता से भरपूर, विश्व के 18 क्षेत्रों में से एक है। देश के वन क्षेत्र का 25 प्रतिशत इस क्षेत्र में है। देश का लगभग 30 प्रतिशत घना वन क्षेत्र भी पूर्वोत्तर में है। गृहमंत्री ने कहा कि इस तरह पूर्वोत्तर क्षेत्र को भारत के फेफड़े कहा जा सकता है।