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फांसी देने से पहले क्यों दौड़ लगाता है जेलर? कारण जानकर आप रह जाएंगे हैरान

नई दिल्ली: क्या आपको पता है कि किन्हीं भी दोषियों को फांसी देने से पहले जेलर एक दौड़ लगता है. फांसी देने के ठीक पहले जेलर दौड़कर अपने ऑफिस तक जाता है. कुछ ऐसा ही होगा जब निर्भया रेप केस के दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा. लेकिन ये फांसी कब होगी? किसी को नहीं पता. हालांकि जानकर ये मानते हैं कि चारों दोषियों को 2020 के शुरुआत में ही फांसी पर लटकाया जा सकता है.

दरअसल, एक दोषी अक्षय ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यु पिटीशन लगाई है जिस पर 17 दिसंबर को सुनवाई होनी है. उसके अगले दिन पटियाला हाउस कोर्ट चारों दोषियों की फांसी देने की प्रकिया को सुनेगा. अगर चारों दोषी मर्सी पिटीशन ना लगाने का दावा करते हैं तो पटियाला हाउस कोर्ट इनको नोटिस जारी कर 7 दिन का समय दे सकता है कि अगर वे सात दिन में अपने कानूनी विकल्प का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो कोर्ट चारों को फांसी देने का ब्लैक वारंट जारी कर सकती है. इसके बाद 14 दिन के अंदर चारों दोषियों को फांसी दे दी जाएगी. फांसी चारों को एक साथ ही दी जाएगी, जिसके लिए तिहाड़ प्रशासन ने भी तैयारी शुरू कर दी है.

ब्लैक वारंट जारी होने के बाद कोर्ट द्वारा निर्धारित तारीख और समय पर चारों को फांसी दे दी जाएगी, लेकिन फांसी देने से ठीक पहले जेल सुप्रिटेंडेंट एक बार दौड़कर ये देखने अपने ऑफिस जाते हैं कि कहीं फांसी रोकने के लिए कोई ऑर्डर तो नहीं आया है. अगर कोई ऑर्डर नहीं आया होता तो तय वक़्त पर फांसी दे दी जाती है.
फांसी देने से पहले कैदियों को नहलाया जाता है और नाश्ता दिया जाता है. फिर काले कपड़े पहनाकर फांसी के फंदे तक ले जाया जाता है. उस वक़्त कैदी के साथ 12 सुरक्षाकर्मी होते हैं. फांसी देते वक्त सिर्फ चार लोग मौजूद होते हैं. फांसी देने के बाद आधे घंटे तक शरीर को फांसी के फंदे पर लटके रहने दिया जाता है.

 

 

 

 

सौजन्य : ज़ी न्यूज
फ़ाइल फोटो

 

 

13 December, 2019

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