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भारत की तैयारी को देखकर चीन-पाकिस्तान में घबराहट 35 दिनों में 10 मिसाइलों के परीक्षण किये

नई दिल्ली: LOC पर बढते तनाव को देखते हुए भारत ने 35 दिनों के अंदर 10 ऐसे ब्रह्मास्त्र हासिल कर लिए हैं, जो चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए बहुत भारी साबित हो सकते हैं. भारत की इस सफलता की सबसे बड़ी बात है कि ये सारे हथियार स्वदेशी हैं.
DRDO ने पिछले 35 दिनों में 10 मिसाइलों के परीक्षण का रिकॉर्ड बनाये है और चीन को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि भारत से पंगा लेकर उसने बड़ी गलती तो नहीं कर दी है? DRDO ने अपनी कई घातक मिसाइलों को अपग्रेड भी किया है. ब्रह्मोस की रेंज 290 किलोमीटर से बढ़ाकर 400 किलोमीटर कर दी गई है. चीन ने भारत से तनाव बढ़ाने के बाद LAC के नज़दीक अपनी कई मिसाइलें तैनात की हैं. जिसका जवाब देते हुए भारत भी अब जवाबी तैनाती कर रहा है.
माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में भारत ऐसी कई घातक मिसाइलों का परीक्षण कर सकता है. जिसके बाद चीन और पाकिस्तान दोनों का खौफ और ज्यादा बढ़ जाएगा. DRDO ने जिस ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया था. वह इस मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन का परीक्षण था. जिसके बाद इसकी मारक क्षमता बढ़ाकर 400 किमी कर दी गई है..
ब्रह्मोस केवल लद्दाख में ही नहीं बल्कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ अन्य क्षेत्रों में चीन के खतरे को ध्यान में रखते हुए अनेक रणनीतिक स्थानों पर तैनात की गई है. भारतीय सेना ने 23 सितंबर को देश में विकसित पृथ्वी-2 मिसाइल का परीक्षण अंधेरे में किया, जो पूरी तरह सफल रहा. यह मिसाइल परमाणु आयुध के साथ सतह से सतह मार करने में सक्षम है. पृथ्वी-2 मिसाइल 350 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मनों को ढेर कर सकती है.
भारत ने 22 सितंबर को स्वदेशी हाई-स्पीड टारगेट ड्रोन अभ्यास (HSTDA) का सफल परीक्षण किया. अभ्यास हाई-स्पीड ड्रोन है, जिसे हथियारों के साथ दुश्मनों पर हमला करने में इस्तेमाल किया जा सकता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO के अभ्यास के सफल परीक्षण को मील का पत्थर बताया था.
भारत ने 23 सितंबर को ही स्वदेशी लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल ( ATGM) का सफल परीक्षण किया. इस मिसाइल को अर्जुन टैंक के जरिए फायर किया गया. टेस्ट फायर में इसने तीन किलोमीटर दूर टारगेट को नेस्तनाबूद कर दिया. ATGM में हाई एक्सप्लोसिव एंटी टैंक वॉर हेड का इस्तेमाल किया गया है.यह बख्तरबंद टैंकों को भी तबाह कर सकती है.
DRDO ने 7 सितंबर को HSTDV का सफल फ्लाइट टेस्ट किया. HSTDV का मतलब है Hyper sonic Technology Demonstrator Vehicle. ये ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल हाईपर सोनिक और क्रूज मिसाइलों को लॉन्च करने में किया जा सकता है. इस हाई टेक एयरक्राफ्ट को देश में ही विकसित किया गया है.
भारत की स्वदेशी मिसाइलों के परीक्षण की रफ्तार देखकर चीन को भी इस बात की घबराहट बढ़ गई होगी कि क्या उसने भारत से तनाव बढ़ाकर उसे तेजी से शक्ति बढाने के प्रेरित तो नहीं कर दिया है. सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और लद्दाख की सीमा से लगे क्षेत्रों में नई चीनी मिसाइल साइटें आई हैं. ऐसे में आकाश एयर डिफेंस सिस्टम किसी भी हवाई खतरे को देखते हुए संवेदनशील स्थानों पर लगाए जा चुके हैं. अब भारत परमाणु सक्षम अग्नि 5 मिसाइल सीरीज को आगे बढ़ा रहा है. इसकी मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर से अधिक की है.
भारतीय वायुसेना के पास तीन तरह के तीन डेल्टा एयरक्राफ्ट्स हैं. इनमें मिराज 2000, रफाल और तेजस हैं. रक्षा विशेषज्ञ ग्रुप कैप्टन जे ए विनोद कहते हैं कि डेल्टा विमानों का इतिहास तो पुराना है. भारतीय वायुसेना में 80 के दशक के बाद से कंप्यूटराजाइड रूप से विमानों का कंट्रोल संभाला जाने लगा और यहीं से यानी मिराज के दौर से डेल्टा विंग का असली काम शुरू हो गया.

 

 

12 October, 2020

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