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रेल रोको आंदोलन : पंजाब, हरियाणा को छोड़ देश में बहुत ज्यादा असर नहीं दिखाया । कई राज्यों में ट्रैक पर किसानो ने उतरकर ट्रेनें को रोकने की कोशिश की

नई दिल्ली, केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनो के के ‘रेल रोको’ आह्वान के बाद इसका रेलवे पर कितना असर हुआ इसपर उत्तर रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने बताया कि हम लोग समीक्षा कर रहे हैं, इस आंदोलन के कारण हमने एक भी रेल को कैंसिल नहीं किया है, एक भी रेल को डायवर्ट नहीं किया है।हां कुछ जगह इसका असर है। अगर पूरे उत्तर रेलवे को देखें तो बहुत ज्यादा असर नहीं है। आज दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक देश भर में रेल को रोककर अपना विरोध दर्ज कराया। हालांकि रेल रोको आंदोलन को लेकर किसान संगठनों में आपसी मतभेद खुलकर सामने आए। यूपी गेट पर धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, 'स्थानीय स्तर पर रेल रोकी जाएगी यानी प्रोटेस्ट स्थान से किसान नहीं जाएगा रेल रोकने' जबकि किसान मजदूर संघर्ष समिति के सतनाम सिंह पन्नू ने ऐलान किया है कि पंजाब में 32 जगहों पर रेल रोकेंगी। किसानों के इस आह्वान को देखते हुए रेलवे ने भी अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी की है।
रेलवे ने रेलवे संरक्षा विशेष बल की 20 अतिरिक्त कंपनियों को सुरक्षा में तैनात किया है, खास तौर से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल को ध्यान में रखा गया है। देशव्यापी रेल रोको आंदोलन के दौरान जीआरपी और आरपीएफ के जवानों की छुट्टियां रद कर दी गईं। इनमें यूपी, बंगाल, हरियाणा और पंजाब में इसका असर देखने को मिला | पंजाब, हरियाणा में नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान कई स्थानों पर रेल की पटरियों पर बैठे हुए हैं और कानूनों का विरोध कर रहे हैं।

 

18 February, 2021

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