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भारत में शरिया कानून लागू करना चाहते थे आतंकवादी- कर्नाटक पुलिस

बेंगलुरु 24 सितंबर । कर्नाटक में गिरफ्तार आईएस के दो संदिग्ध आतंकवादियों से पूछताछ में पता चला है कि, वो शरिया कानून के तहत भारत में खिलाफत स्थापित करने में मदद करना चाहते थे। कर्नाटक पुलिस ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। पुलिस की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, मुख्य आरोपी शारिक, जो फरार है और गिरफ्तार दो आरोपियों माज मुनीर और सैयद यासीन उर्फ यासीन उर्फ बैलू कर्नाटक के शिवमोग्गा के रहने वाले हैं। वों मानते थे कि भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली है, लेकिन वास्तविक स्वतंत्रता तब मिलेगी जब शरिया कानून देश में लागू होगा।
पुलिस ने कहा, आईएस इस दिशा में काम कर रहा है और जिहाद के जरिए 'काफिरों' के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी है। इसी तरह गिरफ्तार किए गए आरोपी भी भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का इरादा रखते हैं और इसी वजह से उन्होंने विस्फोटक इकट्ठा किया था। कथित आतंकवादियों ने टेलीग्राम ऐप का इस्तेमाल किया और आईएस के आधिकारिक माध्यम 'अल-हयात' को सब्सक्राइब किया। आरोपी शारिक, जो अभी भी फरार है, उसी ने दोनों आरोपी व्यक्तियों को बम बनाने की जानकारी दी थी।
पुलिस ने कहा, अमेजन से टाइमर, रिले सर्किट खरीदे गए थे। उन्होंने 9 वोल्ट 2 बैटरी, स्विच, तार और माचिस की डिब्बी भी खरीदी थी और विस्फोटक तैयार किया था। पुलिस ने कहा, जहां भी ट्रेल ब्लास्ट हुए, आरोपियों ने भारतीय झंडे जलाए। शिवमोग्गा के पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी प्रसाद ने कहा कि, पुलिस ने 11 स्थानों पर छापेमारी की और 14 मोबाइल, एक डोंगल, दो लैपटॉप, एक पेन ड्राइव, बम विस्फोट स्थल पर शेष सामग्री और आधा जला हुआ भारतीय ध्वज जब्त किया।

24 September, 2022

झारखंड हाईकोर्ट से पूर्व CM हेमंत सोरेन को झटका, ED की कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका खारिज की
साढ़े आठ एकड़ की विवादित जमीन को लेकर हेमंत सोरेन के खिलाफ कार्रवाई की गई है,
स्वामी प्रसाद मौर्य पर मंच पर भाषण के दौरान जूता फेंक कर हमला किया
पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार किया
मनी लॉन्ड्रिंग केस में हेमंत सोरेन को राहत नहीं, कोर्ट ने न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ाई
ईडी ने हेमंत सोरेन को बीते 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 25,753 स्कूली नौकरियां खत्म करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार किया ।
मामले में अपनी जांच जारी रखने का निर्देश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 25,753 स्कूली नौकरियां खत्म करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार किया ।
मामले में अपनी जांच जारी रखने का निर्देश दिया था।