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राजनीति

कांग्रेस मै अध्यक्ष को लेकर चलरहे घमासान मै किसी ने कहा देशद्रोही बताया किसी ने जल्द न करने की सलाह दी

नई दिल्ली कांग्रेस मै अध्यक्ष के पद को लेकर दो भाग होगये है और पार्टी को लिखे गये पत्र का मुद्दा गर्मा गया है । उन सभी को कार्यसमिति की बैठक मै लिखी गई चिट्ठी के को लेकर उन सभी 23 दिग्गज नेताओ को खरी-खोटी सुनने को मिली जिसे वह भुला नहीं पा रहे हैं। और अब वो खुद को अलग-थलग हुआ महसूस कर रहे हैं। यही कारण है कि उनकी तकलीफ रह-रहकर सामने आ रही है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के करीबी सलमान खुर्शीद ने रविवार को कहा कि कांग्रेस के नए अध्यक्ष को चुनने के लिये कोई जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए और इसके बिना कोई आसमान नहीं टूट जायेगा क्योंकि सोनिया गांधी अभी शीर्ष पर मौजूद है और नेतृत़्व के मुद्दे पर निर्णय लेने का फैसला उन पर ही छोड़ देना चाहिए।
वही दुसरी और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल का भी दर्द छलक पड़ा है। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में हमपर हमले हो रहे थे, एक भी ने सदस्य हमारे बचाव में एक शब्द नहीं बोला। उससे पहले एक और दिग्गज कांग्रेसी गुलाम नबी आजाद ने भी खुलकर अपने दुख का इजहार किया था।

कपिल सिब्बल ने भी उस पत्र मै हस्ताक्षर किये जो राहुल गांधी को दिया गया था
बहरहाल, सिब्बल ने अंग्रेजी अखबार को दिए गये इंटरव्यू में कहा, 'कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही भाजपा पर संविधान का पालन नहीं करने और लोकतंत्र की नींव को नष्ट करने का आरोप लगाती रही है। हम क्या चाहते हैं? हम अपने ही पार्टी के संविधान का पालन करना चाहते हैं। तो कौन उसको रोक सकता है किसी को क्यो आपत्ति कर कर सकता है।'

दरअसल, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को मजबूत बनाने के लिए 23 सीनियर लीडर्स ने एक पत्र लिखा था । उसके कुछ ही दिनों बाद कांग्रेस कार्य समितीकी की बैठक हुई। इस बैठक में राहुल गांधी पत्र भेजने वाले नेताओं पर ही बिफर गए और उन पर आरोप लगा दिया कि ये नेता भाजपा से मिले हुए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में ये पत्र लिखा गया था और 23 नेताओं से हस्ताक्षर किए थे। सिब्बल ने कहा, 'कार्यसमिति की बैठक में उन्होंने जिन चिंताओं का जिक्र किया था उनमें से एक पर भी चर्चा नहीं हुई। ऊपर से लिखने वालों पर हमला किया जाता है। '
सिब्बल ने कहा कि सीडब्ल्यूसी को इस बात से अवगत कराया जाना चाहिए था कि पत्र में क्या कहा गया। उन्होंने कहा, 'यह बुनियादी बात है जो होनी चाहिए थी। यही इन 23 लोगों ने लिखा है। यदि आपने जो कुछ भी लिखा है, उसमें आप गलती करते हैं तो निश्चित रूप से हमसे पूछताछ की जा सकती है और हमसे पूछताछ की
पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुलाम नबी आजाद से संगठन चुनाव को लेकर फोन पर बात की थी। बातचीत में राहुल गांधी ने आजाद को दिलासा दिया कि उनकी चिंताओं का निपटारा किया जाएगा और जल्द-से-जल्द पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने छह महीने के भीतर संगठन में विभिन्न स्तरों पर चुनाव कराने का भरोसा आजाद को दिया है।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमारे पास अंशकालिक अध्यक्ष नहीं है, हमारे पास एक पूर्णकालिक अध्यक्ष है लेकिन पूर्णकालिक अध्यक्ष एक अंतरिम अध्यक्ष है और अंतरिम अध्यक्ष के रूप में कोई भी सामान्य व्यक्ति नहीं है क्योंकि वह सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाली अध्यक्ष हैं। हमें सिर्फ भरोसा करना चाहिए और नये अध्यक्ष के बारे में प्रक्रिया शुरू करने का जिम्मा उन (सोनिया) पर छोड़ देना चाहिए।’’

सलमान खुशीर्द कहा कि पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए उनसे किसी ने संपर्क नहीं किया और यदि कोई ऐसा करता तो मैं हस्ताक्षर नहीं करता क्योंकि वह पत्र से सहमति नहीं रखते हैं। खुर्शीद ने कहा, ‘‘उस पत्र के बारे में कुछ भी नहीं है जो मुझे व्यक्त करने का अवसर देता है और मैं कहना चाहता हूं, हमने हमेशा नेतृत्व के साथ सीधे बात की है, इसलिए मुझे नहीं पता कि क्या बदल गया है जिसके कारण लोग सीधे नहीं बोल रहे हैं। मेरे लिए कुछ भी नहीं बदला है और इसलिए, मुझे पत्र लिखने का कोई मतलब नहीं दिखता।
उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि नेताओं को राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष फिर से बनने का बार-बार आग्रह करने के बजाय यह फैसला उन पर ही छोड़ देना चाहिए।

 

 

30 August, 2020

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