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राजनीति

गुजरात चुनाव की रणनीति पर मोदी के नाम पर होगा मिशन-2023 का चुनाव

भोपाल,10 नवम्बर ; गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव अभियान से साफ है कि मध्यप्रदेश में मिशन 2023 के भी सारे सूत्र आलाकमान ने अपने हाथों में ले लिए हैं। मध्य प्रदेश के चुनाव भी गुजरात के इलेक्शन और स्टे्रटेजी मॉडल पर लडऩे जाएंगे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले माह हुई अपनी भोपाल और ग्वालियर यात्रा में इस संबंध में जो फीडबैक लिया था उसी के बाद यह तय किया गया है कि मध्यप्रदेश का अभियान केंद्रीय नेतृत्व के मार्गदर्शन में चलेगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ही भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनावों को मॉनिटर करेंगे। गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों को मुख्य रूप से अमित शाह ने ही मॉनिटर किया है। सूत्रों का कहना है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाम मध्यप्रदेश की सत्ता और संगठन में महत्वपूर्ण से बदल हो सकते है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा मंत्रिमंडल और प्रदेश पदाधिकारियों के कामकाज में फेरबदल चाहते हैं। मंत्रिमण्डल में चार स्थान रिक्त हैं। मुख्यमंत्री ने बार-बार समीक्षा कर पता कर लिया है कि मंत्रिमंडल के कौन से सदस्य नकारा है और कौन से कार्य कुशल। मुख्यमंत्री कुछ मंत्रियों के विभाग में परिवर्तन चाहते हैं। प्रदेश मंत्रिमंडल के कम से कम दो मंत्री ऐसे हैं, जिन्हें हटाया जा सकता है।
इसी तरह विष्णु दत्त शर्मा भी अपनी टीम में परिवर्तन करना चाहते हैँ। इस संबंध में प्रदेश स्तर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शार्म और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के बीच दो बार चर्चा हो चुकी है।
गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणामों के बाद भाजपा आलाकमान मध्य प्रदेश के राजनीतिक हालात, संगठन के विभिन्न अभियानों और सरकार की योजनाओं पर फोकस करने के लिए जोर दिया जाएगा। सत्ता और संगठन का फोकस आदिवासियों पर पूरी तरह से बना हुआ है। आलाकमान प्रदेश संगठन से चुनाव के लिए माइक्रो मैनेजमेंट सिस्टम पर काम करने के लिए कहेगा।
मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा अर्ध पन्ना प्रमुख तक टीम बनाने और उनसे संवाद करने में लगे हुए हैं। गुजरात में तो अमित शाह ने अर्ध पन्ना प्रमुख से आगे जाकर पन्ना कमेटियां बनाई हैं। प्रत्येक 30 वोटों पर पांच सदस्य पन्ना कमेटी में नियुक्त किए गए हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि पन्ना कमेटी के एक सदस्य को 30 वोटों पर फोकस करना है। इसी रणनीति पर मध्यप्रदेश में काम करने को कहा गया है।
आलाकमान मध्यप्रदेश के पार्टी के भीतर के विवादों के बारे में भी जानकारी ले रहा है। खास तौर पर निष्ठावान भाजपाइयों और सिंधिया समर्थकों के बीच जो तकरार चलती रहती है। उसकी आलाकमान ने भी नोटिस में लिया है। इस संबंध में क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव को विशेष रूप से कहा गया है कि वे पार्टी को एकजुट करने और को निपटाने पर ध्यान दें।
सूत्रों के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा अलग-अलग समय पर मध्य प्रदेश के दौरे पर आने वाले हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी मध्यप्रदेश पर फोकस करेंगे। केंद्रीय मंत्रियों से भी कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश से संबंधित लंबित योजनाओं को जल्दी से जल्दी पूरा किया जाए। प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव और राकेश संगठन मंत्री शिव प्रकाश सोशल मीडिया की टीम को भी मजबूत करने में लगे हुए पिछले दिनेां उन्होंने दो बार आईटी टीम की बैठक भी और समीक्षा की थी।
भारतीय जनता युवा मोर्चा को सक्रिय करने के लिए हाल ही में सिवनी में प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किया गया था। इस प्रशिक्षण शिविर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी भाग लिया था। भारतीय जनता युवा मोर्चा फिलहाल कांग्रेस के युवा टीम के सामने कमजोर पड़ रहा है इसलिए युवा मोर्चा को नई ताकत दी जा रही है।

10 November, 2022

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